कांगड़ा में तूफान ने मचाई तबाही
मेन हाइवे से लेकर कई लिंक रोड्स हुए बाधित
कांगड़ा के कई हिस्सों में गुल हुई बिजली
नगरोटा बगवां में तूफान से हुआ बड़ा हादसा,
ट्रक पर गिरा वटवृक्ष
नगरोटा बगवां के खोवा पंचायत में आए तेज तूफान से एक विशाल वटवृक्ष एलपी ट्रक (HP 24 C 1397) पर गिरा
जिससे ट्रक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया
कुछ लोगों के दबने की भी है आशंका
स्थानीय पंचायत और प्रशासन राहत कार्य में जुटा
आज सुबह की है घटना
कांगड़ा में आंधी-तूफान का कहर: पेड़ गिरने से दो युवकों की दर्दनाक मौत"
कांगड़ा जनपद में आज सुबह आए आंधी तूफान ने कांगड़ा के दो युवाओं की जान ले ली है दरअसल मामला आज सुबह का है जब नगरोटा बगवां में एक LP ट्रक इस आंधी तूफान की चपेट में आ गया और इस हादसे में दो युवकों की जान चली गई, जानकारी के मुताबिक एक ट्रक के चालक ने अपने सहयोगी क्लीनर के साथ आधी रात को नगरोटा बगवां में एक बड़े पेड़ के नीचे अपना ट्रक खड़ा कर दिया और ट्रक के ही कैबिन में सो गए, मगर जब सुबह साढ़े 4 पांच बजे तेज आंधी आई और तूफ़ान चलने लगा तो उन्हें इस बात का इल्म ही नहीं हुआ कि जहां वो खड़े हैं वहां कोई अनहोनी भी हो सकती है मगर अचानक से बढ़ा पेड़ तेज आंधी को नहीं झेल पाया और धराशाई होकर ट्रक के ऊपर गिर गया, जिसमें वो दोनों युवक दब गए, और उनकी मौके पर ही मौत हो गई, फिलहाल पुलिस ने आज सुबह घटना का संज्ञान लेकर दोनों शवों की शिनाख्त कर ली है, शिनाख्त के दौरान एक युवक की पहचान नगरोटा निवासी और दूसरे की पहचान देहरा निवासी के तौर पर हुई है, पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया है और आगामी कार्रवाई आरंभ कर दी है, घटना की पुष्टि ASP वीर बहादुर ने की है
वीर बहादुर, ASP, धर्मशाला

न 12वीं के अंकों का होगा मूल्यांकन न अभिभावकों की कोई सिफारिश आएगी इस यूनिवर्सिटी में काम फिर भी छात्रों का सुगमता से होगा यहां काम कैसे देखिए यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो . डॉ RS बावा की ये ये ख़ास प्रेस वार्ता
न 12वीं के अंकों का होगा मूल्यांकन न अभिभावकों की कोई सिफारिश आएगी इस यूनिवर्सिटी में काम फिर भी छात्रों का सुगमता से होगा यहां काम कैसे देखिए यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो . डॉ RS बावा की ये ये ख़ास प्रेस वार्ता

HPBOSE के अध्यक्ष और DC कांगड़ा हेमराज बैरवा ने जारी किये 12वीं कक्षा के नतीजे
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने जमा दो कक्षा के तीनों स्ट्रीम आर्ट्स, कामर्स व साइंस का परीक्षा परिणाम शनिवार को घोषित कर दिया। इस बार जमा दो की परीक्षा 86 हजार 373 छात्रों ने दी थी, जिसमें 71 हजार 591 पास हुआ हैं। इनमें से 83.16 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं। सेंट डीआर पब्लिक स्कूल गगरेट ऊना की महक ने 97.2 प्रतिशत 486 अंक लेकर प्रदेशभर में पहला स्थान हासिल किया है।
उपायुक्त कांगड़ा एवं शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हेमराज बैरवा ने कहा कि ओवरऑल में टॉप-10 में 75 छात्रों ने जगह बनाई है।
इस परीक्षा के लिए प्रदेशभर में 2300 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। मेरिट में 61 लडकियां और 14 लड़के शामिल हैं।
"कला संकाय में कांगड़ा की अंकिता ने मारी बाज़ी, प्रदेशभर में पहला स्थान"
कला संकाय में जिला कांगड़ा के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल रैत की छात्रा अंकित ने प्रदेश भर में 500 में से 483 अंक हासिल किया पहला स्थान। द्वितीय स्थान पर कांगड़ा जिला के डी न्यू एरा स्कूल ऑफ साइंस छतरी की छात्रा निर्दोष कुमारी ने 500 में से 480 अंक हासिल किया दूसरा स्थान। हमीरपुर जिला के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलारी की ज्योति शर्मा ने 500 में से 479 अंक लेकर प्रदेशभर में हासिल किया तीसरा स्थान।
वाणिज्य संकाय में पायल शर्मा प्रदेश टॉपर, ऊना की शगुन और अनन्या ने हासिल किए दूसरा व तीसरा स्थान"
वाणिज्य संकाय में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चेन्नूर की पायल शर्मा ने 500 में से 482 अंक हासिल कर प्रदेश में हासिल किया पहला स्थान। ऊना जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चुकी मनियार की शगुन ने प्रदेश भर में 500 में से 478 अंक हासिल कर हासिल किया दूसरा स्थान। ऊना जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चुकी मनियार की अनन्या ठाकुर ने 500 में से 477 अंक हासिल कर प्रदेश में हासिल की थी सस्थान।
साइंस संकाय में महक ने मारी बाज़ी, खुशी और कनिका रही दूसरे व तीसरे स्थान पर"
साइंस संकाय में ऊना जिला के सेंट सेंट डीआर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल गगरेट छात्र महक ने 500 में से 486 अंक हासिल कर प्रदेश और में हासिल किया प्रथम स्थान। कांगड़ा जिला के धौलाधार पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल श्याम नगर धर्मशाला की खुशी ने 500 में से 483 अंक हासिल कर प्रदेश और में हासिल किया दूसरा स्थान।
कांगड़ा जिला के भारतीय विद्यापीठ पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल बैजनाथ की छात्रा कनिका 500 में से 482 अंक हासिल कर प्रदेश भर में रही तीर्थ स्थान पर।
HPBOSE के अध्यक्ष और DC कांगड़ा हेमराज ने जारी किये 12वीं कक्षा के नतीजे

तीनों स्ट्रीम के नतीजे किए घोषित

- 84 हजार 93 परीक्षार्थियों ने दी थी परीक्षा
- 83.16 फीसदी रहा परीक्षा परिणाम
- 75 छात्रों ने मारी टॉप 10 में बाजी
- निजी से 35 और सरकारी संस्थानों में 40 बच्चे रहे टॉप
आज दुनियाभर में मनाया जा रहा 48वाँ संग्रहालय दिवस, इंटरनेशनल कम्युनिटी में निर्वासित तिब्बतियों के संग्रहालय को भी मिली जगह
आज देश और दुनिया अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मना रही है, बाकायदा साल 1946 में गठित हुई इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम इस दिन को बड़े स्तर पर सेलिब्रेट कर रहा है जिसमें 138 देशों के पचास हजार से ज्यादा म्यूजियम शामिल किये गये हैं, और उन्हीं में से एक है धर्मशाला में निर्वासित तिब्बत सरकार की ओर से बनाया गया तिब्बतियन संग्रहालय, इस बाबत जानकारी साझा करते हुये इस संग्रहालय के निदेशक तेंजिन तोपदेन ने बताया कि आज अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिटी इस दिन को बड़े स्तर पर सेलिब्रेट कर रही है, तेंजिन ने बताया कि आज उनके लिये ये बहुत बड़ा दिन है इसलिये क्योंकि आज देश और दुनियाभर के पचास हजार संग्रहालयों में उनके संग्रहालय को भी शामिल किया गया है…इस साल 48वां अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जा रहा है…और हमारी ओर से इस दिन बकायदा सभी छात्रों को बुलाया जाता है जो कि न केवल तिब्बत की संस्कृति और सभ्यता को को जानते और समझ पाते हैं बल्कि तिब्बत के संघर्ष की कहानी को भी इस संग्रहालय में बताया जाता है और आगे संघर्ष कैसे आगे जारी रहेगा ये भी बताया और समझाया जाता है, तोपदेन ने कहा कि संग्रहालय भी आज की तारीख में भूत और वर्तमान को भविष्य में ले जाने का काम करता है जिसमें इतिहास को संजोया जाता है और वर्तमान पीढ़ी को उस बाबत अगाह किया जाता है फिर वर्तमान पीढ़ी इस बात को समझकर उसे आगे ले जाती है… तेंजिन ने कहा कि आज तीन बड़े कार्य उनकी ओर से किये जा रहे हैं एक तो तिब्बत के उन सात आर्टिस्टों को जो कि धर्मशाला और उसके आस-पास रहते हैं उन्हें एकमंच दिया गया है ताकि वो अपने आर्ट से यहां आने वाले छात्रों को अगाह कर सकें और उनके द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों के बारे में भी बता सकें…आर्ट के माध्यम से संघर्ष की कहानी बयान की जा रही हैं…वहीं 11वें पंचेन लामा जो कि दूसरे सबसे बड़े लामा होते हैं उन्हें साल 1995 में चीन ने अपहृत कर लिया था तीस साल होने के बावजूद भी उनकी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है, उनकी आयु 36 साल हो चुकी है बावजूद इसके दुनिया के सामने उनका कुछ भी सामने नहीं आ पाया है, पंचेन लामा कौन थे उनकी क्या कहानी है ये भी म्यूजियम के माध्यम से बताई जा रही है, साथ ही अपील की जा रही है कि उनकी जानकारी दुनिया के सामने आनी चाहिये…उनकी जानकारी सामने आना न केवल तिब्बत के लिये बल्कि संपूर्ण बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले लोगों और दुनिया को मालूम होना चाहिये कि पंचेन लामा और उनका परिवार आज कहां और किस स्थिती में है…धर्मशाला के आसपास के 6-7 संग्रहालयों की ओर से तिब्बत संग्रहालय को लेकर लिखे आर्टिकल को भी यहां प्रदर्शित किया गया है…
भवारना की साइना ठाकुर ने किया प्रदेश में टॉप, 696 अंक हासिल कर रच दिया इतिहास
धर्मशाला- हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हेमराज बैरवा ने वीरवार को 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया इस बार भी बेटियों ने मेरिट में बाजी मारी है कांगड़ा जिला के भवारना स्थित न्यूगल मॉडल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा साइना ठाकुर ने प्रदेश भर में पहला स्थान हासिल कर शिक्षा जगत में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है साइना ने 700 में से 696 अंक प्राप्त किए।
घंडलविन की रिदिमा दूसरे स्थान पर, स्वारघाट व घुमारवीं की छात्राएं रहीं तीसरे स्थान पर
बिलासपुर जिला के घंडलविन की रिदिमा शर्मा ने 695 अंक अर्जित कर दूसरा स्थान प्राप्त किया तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से दो छात्राएं रहीं जिसमें सोलन जिला के स्वारघाट की मुद्दिता शर्मा और बिलासपुर जिला की घुमारवीं की पर्निका शर्मा ने 694 अंक लेकर प्रदेश की मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज करवाया इस बार टॉप तीन स्थानों में एक भी छात्र का नाम शामिल नहीं है, जिससे छात्राओं की उत्कृष्टता और मेहनत साफ झलकती है बोर्ड की टॉप-10 मेरिट सूची में भी छात्राओं का दबदबा बना रहा।
सरकारी स्कूलों की तुलना में प्राइवेट स्कूलों की छात्राओं का रहा दबदबा
प्राइवेट स्कूलों ने मारी बाजी
परीक्षा परिणामों में जहां बेटियों ने दमखम दिखाया, वहीं निजी स्कूलों ने भी सरकारी स्कूलों को पीछे छोड़ दिया टॉप रैंकिंग में प्राइवेट स्कूलों के छात्रों की भागीदारी अधिक रही।
79.8 फीसदी रहा कुल परीक्षा परिणाम
बोर्ड अध्यक्ष व उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने परिणाम जारी किए इस बार 95,495 नियमित छात्रों ने परीक्षा दी, जिसमें से कुल 79.8 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। यह पिछले वर्ष के 74.61 फीसदी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है यह परीक्षाएं 4 मार्च से 24 मार्च तक आयोजित की गई थीं और मूल्यांकन कार्य 8 मई तक चला गौरतलब है कि पिछले वर्ष 10वीं का परिणाम 7 मई को घोषित किया गया था, जबकि इस बार एक दिन बाद परिणाम जारी किया गया बोर्ड के अनुसार, इस बार टॉप-10 मेरिट सूची में कुल 117 छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं, जिनमें 88 छात्राएं और 29 छात्र शामिल हैं इस बार भी परीक्षा परिणामों ने यह साबित कर दिया कि बेटियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं मेरिट सूची में बेटियों का दबदबा इस बात का प्रमाण है कि यदि उन्हें अवसर मिले तो वे किसी से पीछे नहीं हैं। 75862 परीक्षार्थि उत्तीर्ण हुए और कुल 95495 ने परीक्षा दी इसमे 427 अनुपस्थिति रहे और लड़को की संख्या 48946 ,लडकिया 46122 थी, जिसमे 38002 लड़को और 37860 लड़कियां पास हुई, साथ ही अनुपूरक परीक्षार्थियों की कुल संख्या 5563 अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों की कुल संख्या 13574 रही,बोर्ड ने बताया है कि परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए बोर्ड मुख्यालय में कार्य दिवस के दौरान दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम से सम्बन्धित जानकारी के लिए दूरभाष नम्बर 01892-242119 (शिमला, सिरमौर, लाहुल स्पीति, किन्नौर), 01892.242128 (कुल्लू, ऊना, सोलन), 01892-242148 (हमीरपुर, चम्बा, बिलासपुर), 01892-242149 (कांगड़ा) 01892-242151 (मण्डी) पर सुबह 10 बजे से लेकर सांय 5 बजे तक सम्पर्क कर सकते हैं। परीक्षा परिणाम बोर्ड की वेबसाईट www.hpbose.org पर उपलब्ध है साथ ही हि० प्र० स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा उक्त परीक्षा में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की सुविधा हेतु प्रमाण पत्रों की प्रतियाँ Digilocker पर भी उपलब्ध हैं…



हिमाचल प्रदेश बोर्ड 10वीं का परिणाम घोषित:
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम वीरवार को घोषित कर दिया। इस बार 10वीं की परीक्षा 95 हजार 495 छात्रों ने दी थी। इनमें से 79.08 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए हैं। न्यूगल मॉडल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल भवारना की साइना ठाकुर 99.46 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेशभर में पहला स्थान हासिल किया है।
उपायुक्त कांगड़ा एवं शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हेमराज बैरवा ने कहा कि बीते साल परीक्षा परिणाम 74.61 प्रतिशत था। इस बार सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि टॉप-10 में 117 छात्रों ने जगह बनाई है। इनमें 20 बच्चे सरकारी और निजी स्कूलों के 97 छात्र हैं।
इस परीक्षा के लिए प्रदेशभर में 2300 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। मेरिट में 88 लड़के और 29 लड़कियां शामिल हैं।
उपरोक्त के अतिरिक्त जो परीक्षार्थी लिखित व प्रायोगिक परीक्षा में से किसी विषय की परीक्षा में अनुपस्थित रहें है। ऐसे परीक्षार्थियों को उस विषय में अनुपस्थित दर्शाया गया है तथा परीक्षा परिणाम पूर्व निर्धारित मानदण्ड अनुसार ही घोषित किया गया है।
स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा उक्त परीक्षा में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की सुविधा हेतु प्रमाण पत्रों की प्रतियां डिजिलॉकर पर भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
उक्त परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन/पुनर्निरीक्षण करवाने के इच्छुक परीक्षार्थी सम्बन्धित पाठशाला के माध्यम से केवल ऑनलाईन प्रणाली द्वारा बोर्ड की बैवसाईट www.hpbose.org पर पुनर्मूल्यांकन के लिए 1000 व पुनर्निरीक्षण हेतु 800 प्रति विषय की दर से 30 मई तक आवेदन कर सकते हैं। पुनर्मूल्यांकन हेतु आवेदन करने के लिए सम्बन्धित विषय में कम से कम 20 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। केवल ऑनलाईन के माध्यम से निर्धारित शुल्क सहित प्राप्त आवेदन पत्र ही मान्य होंगें तथा ऑफलाईन व बिना शुल्क के प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा।


शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने जारी किए 10वीं कक्षा के नतीजे बोर्ड चेयरमैन और DC कांगड़ा हेमराज बैरवा ने जारी किए नतीजे 95 हज़ार 495 नियमित छात्रों ने दी थी परीक्षा 79.8 फीसदी रहा परीक्षा परिणाम इस साल 4 मार्च से 24 मार्च तक ली गई थीं परीक्षाएं 8 मई तक चला मूल्यांकन कार्य पिछले साल 7 मई को घोषित हुआ था परीक्षा परिणाम 74.61 फीसदी रहा था परीक्षा परिणाम हिमाचल प्रदेश के 117 छात्र छात्राएं रही टॉप 10 में जिसमें 88 छात्र और 29 छात्र शामिल हैं

चार दिन बाद फिर गुलजार हुआ कांगड़ा एयरपोर्ट, फ्लाइट्स की आवाजाही शुरू
पूरे चार दिनों के अंतराल के बाद कांगड़ा के एयरपोर्ट को फिर से आवाजाही के लिए खोल दिया गया है, ये जानकारी कांगड़ा एयरपोर्ट के निदेशक धीरेन्द्र सिंह ने दी, उन्होंने कहा कि भारत पाक के बीच तनाव के चलते देशभर के कुछ एयरपोर्ट समेत कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट को भी एहतियातन बंद करने का फ़ैसला लिया गया था और 15 मई सुबह साढ़े 5 बजे तक एयरपोर्ट पर तमाम सिविलियन फ्लाइट्स को आवाजाही के लिए अस्थाई तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया था, मगर आज फिर से इसे ओपन कर दिया गया है और ऐसा करने के बाद फिर से सामान्य तौर पर फ्लाइट्स की आवाजाही गग्गल एयरपोर्ट से सुचारू हो जायेगी, धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि क्योंकि आज ही आदेश मिले हैं तो एविएशन कंपनियां आज तो मुश्किल से फ्लाइट्स को सुचारू कर पाएं मगर निश्चित तौर पर कल से सब फ्लाइट्स रूटीन तरीके से आवाजाही करने शुरू कर देंगी,धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि सुरक्षा की लिहाज से भी ये एयरपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है ऐसे में यहां हमेशा ही सुरक्षा घेरा चाक चौबंद ही रहता है,
बाइट – धीरेन्द्र सिंह, निदेशक, कांगड़ा एयरपोर्ट
बिचित्र शर्मा, डिजी मित्रा इंडिया, रिपोर्ट
सीमा पर बढ़ते खतरे के बीच धर्मशाला पहुंचे लोग, सुरक्षित ठिकानों की तलाश में पलायन"
भारत पाक के बीच पनपे तनाव के मद्देनजर अमेरिका की मध्यस्था ने भले ही सीज़फायर करवा दिया हो बावजूद इसके आज भी बोर्डर एरियाज में रह रहे लोगों में दहशत का माहौल साफ देखा जा रहा है, इतना ही नहीं जम्मू और पठानकोट के आसपास से बहुत से लोग अब इस तनातनी के बीच अपने घरों को छोड़छाड़ हिमाचल प्रदेश की ओर रुख करने लगे हैं, धर्मशाला में भी बहुत से ऐसे लोग आते हुए देखे जा रहे हैं जो इन दिनों दहशत के चलते अपने घरों में नहीं रह पा रहे, वो अपने साजो सामान के साथ धर्मशाला पहुंच रहे हैं,
पठानकोट से धर्मशाला आए दीपक ने बताया कि जिस तरह से आए दिन शेलिंग हो रही थी तो भारतीय सेना और हमारा एयर डिफेंस सिस्टम भले ही दुश्मनों की हर चाल को नेस्तनाबूद कर रही हैं बावजूद इसके रात रात भर वो लोग डर के साए में ही जी रहे हैं ऐसे में उन्होंने फिलहाल कुछ दिनों के लिए पठानकोट से धर्मशाला आने का फैसला लिया है ताकि कुछ हद तक राहत मिल सके,
बाइट – दीपक, पठानकोट
वहीं पठानकोट के सुजानपुर से आए अखिल ने बताया कि पठानकोट में माहौल ख़राब लग रहा है और ऐसे में वो समेत परिवार धर्मशाला आ गए हैं ताकि कुछ हद तक राहत मिल सके,
बाइट – अखिल, सुजानपुर, पठानकोट
वहीं जम्मू से धर्मशाला आए रवि ने बताया कि आज वो अपने समूचे परिवार के साथ अपने रिश्तेदारों के यहां धर्मशाला आ गए हैं इसलिए क्योंकि जम्मू के आसमान में हर रोज ड्रोन उड़ते हुए देखे जा रहे हैं, भारतीय सेना की जांबाजी से यूं तो हम सब सुरक्षित हैं मगर फिर भी बाल बच्चों की सुरक्षा की खातिर उन्हें घर बार छोड़कर कुछ दिनों के लिए धर्मशाला में रहने वाले रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट होने का फैसला लिया है, वहीं रवि ने बताया कि यूं तो वो निजी तौर पर भारतीय सेना की सेवा में तैनात रहने का दम रखते हैं और बाल बच्चों को सुरक्षित जगह छोड़ कर फिर वापस चले जाएंगे…
बाइट- रवि, जम्मू निवासी
कुल मिलाकर बोर्डर एरियाज़ में देखी जा रही दहशत से अब वहां के स्थानीय लोगों ने बाल बच्चों की खातिर हिमाचल प्रदेश के अलग अलग शहरों और यहां रहने वाले रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट होना शुरू कर दिया है…
बिचित्र शर्मा, डिजी मित्रा इंडिया, रिपोर्ट
मेरा गांव मेरा स्वाभिमान के बैनर तले फ्री कोचिंग सेंटर खोलने की लगी होड़
सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक शिक्षा हासिल कर रहे नौनिहाल प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना परचम लहरा सकें इस सोच के साथ काम कर रही गैर सरकारी संस्था मेरा गांव मेरा स्वाभिमान ने जनजातीय क्षेत्र भरमौर की कुछ पंचायतों से फ्री कोचिंग का जो मिशन शुरू किया है, उसको लेकर पढ़े-लिखे बेरोजगारों में खूब उत्साह नजर आने लगा है…बेरोजगार युवा न केवल संस्था के इस नेक काम की सराहना करने लगे हैं बल्कि संस्था के साथ जुड़कर खुद भी समय निकालकर बच्चों को शिक्षित करने की इच्छा जाहिर करने लगे हैं…इसके लिये बाकायदा कई पंचायतों से युवा वर्ग संस्था के पदाधिकारियों के साथ संपर्क साध कर उनके यहां भी फ्री कोचिंग सेंटर खोलने की मांग करने लगे हैं…जिसके लिये जनजातीय क्षेत्र भरमौर की जगत, सामरा, औरा-फाटी समेत कई पंचायतों से आवेदन आ चुके हैं…





औरा-फाटी से एसएमसी प्रधान ने शुरू किया कार्य
मेरा गांव मेरा स्वाभिमान संस्था द्वारा नौनिहालों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिये शिरड़ी पंचायत से शुरू किया गया ये अभियान अब एक-एक कर हर पंचायत में पहुंचने लगा है…अबकी बार औरा-फाटी पंचायत में भी एक नया सेंटर खुल गया है जहां बच्चों ने कोचिंग लेनी शुरू कर दी है…औरा-फाटी पंचायत के प्राइमरी स्कूल औरा में कार्यरत अध्याप्क और एसएमसी प्रधान सुरजीत कुमार ने संस्था के इस पुनीत कार्य की सराहना करते हुये, अपने निजी मकान में संस्था के बैनर तले फ्री कोचिंग सेंटर खोल दिया है जिसमें बच्चों को शाम के साढ़े 4 बजे से लेकर साढ़े 5 बजे तक मुफ्त कोचिंग प्रदान करनी भी शुरू कर दी है..
संस्था के चेयरमैन मेद सिंह की सराहना
औरा फाटी पंचायत के जागरूक युवा और एसएमसी प्रधान सुरजीत कुमार ने बताया कि मेद सिंह जैसे शख्स समाज को बिरले से ही मिलते हैं…उन्होंने कहा कि वो मेद सिंह को तब से जानते हैं जब से वो कॉलेज़ में पढ़ाई के साथ-साथ खेती-बाड़ी में भी बेइंतहा दिलचस्पी रखते थे, शायद यही वजह थी कि उन्हें उस दौर में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष पंडित तुलसी राम जी ने पूरे भरमौर क्षेत्र में सर्वोत्तम किसान के तौर पर चुना था और बाकि किसानों के लिये रोल मॉडल भी बताया था…सुरजीत कुमार ने बताया कि तब से मेद सिंह उनके लिये प्रेरणा स्त्रोत हैं और जब आज उन्हें पता चला कि मेरा गांव मेरा स्वाभिमान उनकी संस्था है और वो मुफ्त बच्चों को कोचिंग प्रदान कर रहे हैं तो उन्होंने तुरंत इस दिशा में कदम बढ़ाते हुये अपने यहां भी कोचिंग सेंटर खोलने की इच्छा जाहिर की और उन्होंने इसके लिये तुरंत हामी भी भर दी और आज उन्होंने ये नेक कार्य शुरू कर दिया है…





किसे मिलेगी मुफ्त की कोचिंग
मेरा गांव मेरा स्वाभिमान यानिकी नाम से ही विद्दित है कि अपना गांव ही अपना स्वाभिमान है, संस्था के संचालक ने इस संस्था को समाज के उत्थान के लिये समर्पित करते हुये सबसे पहले इसके बैनर तले गांव के उन बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है जो किसी भी लिहाज़ से गांव से बाहर जाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग नहीं ले सकते, मगर वो नवोदय, सैनिक स्कूल, केवीएस या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेना चाहते हैं, उनके लिये अब उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं रहेगी क्योंकि अब संस्था द्वारा गांव में ही स्वयं सेवियों को इस दिशा में कार्य करने के लिये तैयार किया जायेगा जो गांव में ही रहकर न केवल संस्था के बैनर तले मुफ्त कोचिंग सेंटर खोलेंगे बल्कि इसी संस्था के बैनर तले स्वावलंबी होकर स्वंय के स्वरोजगार की पढ़ाई करते हुये देश और प्रदेश के कर्णधारों को उनकी दशा और दिशा तय करने में भी मदद करेंगे
ब्यूरो डैस्क से बिंटू शर्मा की रिपोर्ट
जनजातीय क्षेत्र भरमौर के शिरड़ी में खुला पहला निशुल्क कोचिंग सेंटर:
"मेरा गांव मेरा स्वाभिमान संस्था ने उठाया सराहनीय कदम"



भरमौर– हिमाचल प्रदेश के गैर सरकारी संगठन मेरा गांव मेरा स्वाभिमान के अध्यक्ष मेद सिंह ने सूबे के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के साथ जोड़ने और गरीब और पिछड़े परिवारों के बच्चों को निशुल्क कोचिंग देने समेत उनके बीच में शिक्षा की लौ जगाने का संकल्प लिया है…इसी कड़ी में उन्होंने सबसे पहले प्रदेश के आकांक्षी जिला चम्बा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर स्थित अपनी पैतृक पंचायत शिरड़ी को गोद ले लिया है और वहां बाकायदा अपने इस गैर सरकारी संगठन मेरा गांव मेरा स्वाभिमान के बैनर तले पहला निशुल्क कोचिंग व परामर्श केंद्र भी स्थापित कर दिया गया है…जिसमें इस पंचायत के पढ़े-लिखे युवाओं ने जहां स्वंय सेवक के तौर पर अपनी स्किल को बढ़ाने के लिये इस बैनर तले उन बच्चों को निशुल्क पढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया है वहीं कई बच्चों ने इन दिनों जनजातीय क्षेत्रों में चल रहे अवकाश को मद्देनजर रखते हुये इस कोचिंग सेंटर में स्कूली पढ़ाई के अतिरिक्त प्रतियोगी परीक्षाओं और अपने सबजेक्ट से संबंधित पाठ्यक्रमों को दोहराने की कोचिंग लेनी शुरू कर दी है…



हर तरफ हो रही मेरा गांव मेरा स्वाभिमान NGO की चर्चा
गैर सरकारी संगठन मेरा गांव मेरा स्वाभिमान द्वारा लिये गये इस फैसले की अब न केवल जनजातीय क्षेत्र भरमौर में तारीफ हो रही है बल्कि उससे बाहर भी लोग इस फैसले की सराहना करने लगे हैं…कई इलाकों से कई अभिभावक इस संगठन से जुड़ी टीम के सदस्यों को फोन कॉल करके उनके क्षेत्रों में भी इस तरह से कोचिंग सेंटर खोलने की मांग करने लगे हैं साथ ही बहुत से बेरोजगार पढ़े लिखे युवा भी इस बैनर के साथ जुड़कर इस तरह के पुनीत कार्य में अपना निस्वार्थ योगदान देने की अपील कर रहे हैं…

“क्या कहते हैं संस्था के संचालक मेद सिंह”
गैर सरकारी संगठन मेरा गांव मेरा स्वाभिमान के संचालक मेद सिंह ने डीजि मित्रा इंडिया मीडिया (DIGI MITRA INDIA MEDIA) टीम के साथ बातचीत करते हुये कहा कि उनका जन्म जनजातीय क्षेत्र भरमौर के भी जनजातीय गांव शिरड़ी में हुआ उन्होंने बचपन से ही अपना जीवन संघर्षों से ही घिरा हुआ पाया और उन संघर्षों ने इस जीवन में उन्हें जो सबक सिखाया उससे प्रेरणा लेकर उन्होंने यही संक्लप लिया है कि जिस दिन भी वो पूर्ण रूप से सामर्थ्यवान बनेंगे वो इन क्षेत्रों के लोगों को उस संघर्ष से बाहर निकालने के लिये हरसंभव प्रयास करेंगे, आज जब वो कुछ सामर्थ्यवान हुये हैं तो उन्होंने सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों के उत्थान के लिये मेरा गांव मेरा स्वाभिमान संगठन की संरचना की और उसी के बैनर तले सबसे पहले अपनी ही पंचायत को गोद लेकर वहां के उन बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है जो बच्चे बाहर जाकर कोचिंग नहीं ले पाते या सामान्य क्षेत्रों की माफिक अपने पाठ्य पुस्तकों से संबंधित ट्यूशन पढ़ने नहीं जा पाते हैं, उन्होंने इसी को ध्यान में रखते हुये पहले चरण में शिरड़ी पंचायत में निशुल्क कोचिंग सेंटर की स्थापना की है और भविष्य में वो इस पुनीत कार्य को और भी बड़े लेवल पर लेकर जाएंगे ताकि गांवों के बच्चों को भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये तैयार किया जा सके उन्हें भी घर द्वार निशुल्क कोचिंग प्रदान की जा सके…मेद सिंह ने बताया इसी तर्ज पर उन्होंने बच्चों की स्किल डवलपमेंट के लिये भी डीएफल वॉरियर जैसे मेगा प्रोग्राम की संरचना तैयार की है जो निश्चित तौर पर भविष्य में हमारे बेरोजगार पढ़े-लिखे बच्चों की न केवल स्किल डवलपमेंट करेगी बल्कि उन्हें आर्थिक तौर पर भी सशक्त बनाने में अहम भूमिका अदा करेगी। मेद सिंह ने बताया कि उनका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में सोशियो-इकोनॉमिक समानता लाना है और इसी को ध्यान में रखते हुये उन्होंने मेरा गांव मेरा स्वाभिमान संस्था की संरचना की है।
